Latest Order for Contractual Employees 2024: संविदा कर्मचारियों के लिए हाल ही में एक नई खबर आई है, जो उनके भविष्य पर बड़ा असर डाल रही है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (Madhya Kshetra Vidyut Vitaran Company) ने कार्य में लापरवाही और अनियमितता के चलते कंपनी के कई आउटसोर्स कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इस आदेश में भोपाल, ग्वालियर, गुना और शिवपुरी जिलों में काम कर रहे 48 आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है और उन्हें ब्लैकलिस्ट भी कर दिया गया है। इस फैसले से इन कर्मचारियों को अब कंपनी के किसी भी बिजली कार्यालय में काम करने का मौका नहीं मिलेगा।
कौन-कौन से कर्मचारी हुए ब्लैकलिस्ट?
इस नए आदेश में भोपाल वृत्त में 18 आउटसोर्स कर्मचारी, हरदा में 3, शिवपुरी में 7, ग्वालियर में 6, दतिया में 2, और गुना में 12 आउटसोर्स कर्मचारियों को कार्य में लापरवाही और अनियमितता के कारण नौकरी से निकाला गया है। इन सभी कर्मचारियों को कंपनी ने ब्लैकलिस्ट किया है ताकि वे अब किसी भी बिजली कार्यालय में अपनी सेवाएं ना दे सकें। इस कदम से यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अनुशासनहीनता को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
प्रबंध संचालक का सख्त संदेश जीरो टॉलरेंस नीति लागू
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने इस कदम को आवश्यक बताते हुए कहा कि कंपनी में पारदर्शिता, ईमानदारी और उपभोक्ता सेवा को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी मैदानी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे उपभोक्ता सेवाओं में किसी प्रकार की कोताही न बरतें और कंपनी की उन्नति के लिए पूरी मेहनत से काम करें। कंपनी ने इस मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, जिसका मतलब है कि छोटी से छोटी गलती को भी गंभीरता से लिया जाएगा।
संविदा कर्मचारियों की परेशानियाँ
इस फैसले से संविदा कर्मचारियों में असमंजस और असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। नियमितीकरण का इंतजार कर रहे कई संविदा कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उन्हें स्थायी नौकरी मिल सकती है, लेकिन इस नई कार्रवाई से उनकी यह उम्मीदें धूमिल हो गई हैं। संविदा कर्मचारियों का कहना है कि वे काफी समय से स्थायित्व और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें इस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
कंपनी के इस कदम से जुड़ी बड़ी बातें
सख्त अनुशासन नीति: कंपनी ने अनुशासनहीनता और लापरवाही को बिल्कुल भी सहन न करने की नीति अपनाई है। इससे यह संदेश जाता है कि भविष्य में भी अगर कोई कर्मचारी नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
संविदा कर्मचारियों के लिए चुनौतियाँ: जिन संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है, उन्हें अब अन्यत्र रोजगार खोजना होगा। इन कर्मचारियों को अब किसी भी बिजली कार्यालय में काम नहीं मिलेगा, जिससे उनके लिए जीवन यापन की चुनौतियाँ बढ़ गई हैं।
संविदा कर्मचारियों के लिए संदेश
संविदा कर्मचारियों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन उन्हें समझना होगा कि कार्य में अनुशासन बनाए रखना और पारदर्शिता से काम करना बेहद जरूरी है। जो कर्मचारी नियमितीकरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उन्हें इस घटना से सीख लेकर अपनी कार्य क्षमता को और बेहतर करने की कोशिश करनी चाहिए। कंपनी ने यह संदेश भी दिया है कि जो कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों को निभाएंगे, उन्हें भविष्य में कंपनी में बेहतर अवसर मिल सकते हैं।
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