Mutual Funds:क्या आपने कभी सोचा है कि म्यूचुअल फंड्स आपसे पैसा कैसे कमाते हैं?आपको लगता है कि हर साल आपका पैसा बढ़ेगा — लेकिन हकीकत यह है कि आपका पैसा बढ़े या न बढ़े, वो हर साल घटता ज़रूर है।
इस आर्टिकल में हम विस्तार से समझेंगे कि:
- म्यूचुअल फंड्स में छिपा “1% का खेल” क्या है,
- और क्यों ETF (Exchange Traded Fund) आपको बेहतर रिटर्न दिला सकता है।
Mutual Funds vs ETF – असली फर्क क्या है?
| तुलना बिंदु | म्यूचुअल फंड | ETF |
|---|---|---|
| एक्सपेंस रेशियो | ज़्यादा (0.4%–1%) | बहुत कम (0.04%–0.2%) |
| एग्जिट लोड | लगता है (1% तक) | नहीं लगता |
| ट्रैकिंग एरर | ज़्यादा (जैसे 2.17%) | कम (जैसे 0.27%) |
| खरीदने का तरीका | AMC के ज़रिए (NAV अगले दिन की कीमत) | शेयर बाज़ार से (रियल टाइम प्राइस) |
उदाहरण के लिए —
Motilal Oswal India Defence Fund में ट्रैकिंग एरर 2.17% है,जबकि Motilal Oswal Defence ETF में सिर्फ़ 0.27% है।इसका मतलब है कि ETF में 10 गुना कम त्रुटि है, और उसी के कारण रिटर्न में लगभग 10% तक का अंतर आ सकता है!
एक्सपेंस रेशियो – हर साल कटने वाला “छिपा टैक्स”
मान लीजिए आपने ₹1 करोड़ का निवेश किया है।अगर आपके म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रेशियो 1% है, तो हर साल ₹1 लाख आपकी जेब से जाएगा — चाहे बाजार ऊपर जाए या नीचे।यह पैसा सीधे AMC (Asset Management Company) और डिस्ट्रीब्यूटर्स के पास जाता है।
ETF में यही खर्च 0.1% यानी सिर्फ़ ₹10,000 तक होता है।
यानी सीधा ₹90,000 की सालाना बचत!
1% का छोटा फर्क, करोड़ों का नुकसान
अगर आप ₹50,000 की SIP करते हैं 25 साल तक,
और मार्केट 12% सालाना रिटर्न देता है,तो आपको लगभग ₹8.5 करोड़ मिलते हैं।अब अगर सिर्फ़ 1% ज़्यादा खर्च हो जाए —तो आपका रिटर्न गिरकर ₹7 करोड़ तक रह जाएगा।
यानी डेढ़ करोड़ रुपये सिर्फ़ “1% के खर्च” से उड़ गए!
म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर का खेल
म्यूचुअल फंड कंपनियां अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स को हर साल कमीशन देती हैं —आपके AUM (Assets Under Management) पर आधारित।मतलब अगर उनके क्लाइंट्स का कुल निवेश ₹100 करोड़ है,और 1% कमीशन है — तो हर साल ₹1 करोड़ उनकी जेब में जाएगा, वो भी आपके निवेश से!ETF में ऐसा कुछ नहीं होता। इसलिए कोई इसे प्रमोट नहीं करता —क्योंकि इसमें “कमीशन” नहीं है।
Mutual Funds के लिए क्या करें?
- ETF में SIP शुरू करें — हां, ETF में भी SIP संभव है।
आप अपने Demat Account में जाकर “Invest Mode” चुनें,
और उदाहरण के लिए “Nifty Bees” या “Sensex Bees” में SIP सेट करें। - Low Expense Ratio वाले Index ETFs चुनें
जैसे:- Nippon India Nifty Bees
- Motilal Oswal Nasdaq 100 ETF
- ICICI Prudential Nifty Next 50 ETF
- लॉन्ग टर्म में होल्ड करें —
ताकि कंपाउंडिंग का पूरा फायदा मिले।
Mutual Funds vs ETF
| श्रेणी | म्यूचुअल फंड | ETF |
|---|---|---|
| रिटर्न (25 साल में) | ₹7 करोड़ | ₹8.5 करोड़ |
| एग्जिट लोड | हां | नहीं |
| नियंत्रण | AMC के पास | निवेशक के पास |
| पारदर्शिता | कम | अधिक |
सिर्फ़ 1% की समझ आपको 1.5 करोड़ रुपये बचा सकती है।

नमस्कार दोस्तों। मेरा नाम Yash Patel है और में पिछले 4 सालो से आपको सही जानकारी दे रहा हूं,Vacancy Xyz का Owner भी हूं, और Writers भी हूं, मैं इस साइट में Job, News,Tech, Finance और Auto मोबाइल की जानकारी देता हूं,जिसका Educational and Awareness Purpose है।







